ध्वनि तरंग अश्रव्य तरंगे श्रव्य तरंगे पराश्रव्य तरंगें पराश्रव्य तरंगों के उपयोग अनुप्रस्थ तरंग अनुदैर्ध्य तरंग
चिमन यूके काली साफ करने में |
संकेत भेजने में |
समुंद्र के गहराई का पता लगाने में |
गठिया रोग के उपचार में |
ट्यूमर का पता लगाने में |
दूध से हानिकारक जीवाणु नष्ट करने में |
कपड़ों के सफाई में |
साधारण बातचीत में 30 से 40 डेसीबल तीब्रता होती है |
जोर से बातचीत 50 से 60 डेसीबल |
मिसाइल में 180 डेसीबल |
मशीन गन 170 डेसीबल |
जेट विमान में 140 से 150 डेसीबल |
ट्रक या ट्रैक्टर मे 90 से 100 डेसीबल |
डीजे में 100 डेसिबल |
विद्युत मोटर 110 डेसीबल |
सायरन में 110 से 120 डेसीबल |
Y - किरणे :- इसकी खोज बैकुरल ने किया था ! इसका प्रयोग वेधन क्षमताओं में अत्यधिक होता है |
ध्वनि तरंग :- ध्वनि तरंग अनुदैर्ध्य तरंगे होती हैं और यह तीन प्रकार की होती हैं |
अश्रव्य तरंगे :-
यह तरंगे 20 HZ से नीचे होती हैं इसे मनुष्य का कान नहीं सुन सकता है |
श्रव्य तरंगे :- यह तरंगे 20 HZ – 20,000 HZ के बीच होता है
इसे मनुष्य के कान सुन सकते हैं |
पराश्रव्य तरंगें :- यह 20,000 HZ के ऊपर होता है |
जिसे कुत्ते , बिल्ली , चमगादड़ आदि सुन सकते हैं |
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और इसे भी पड़े
पराश्रव्य तरंगों के उपयोग :-
संकेत भेजने में |
समुंद्र के गहराई का पता लगाने में |
गठिया रोग के उपचार में |
ट्यूमर का पता लगाने में |
दूध से हानिकारक जीवाणु नष्ट करने में |
कपड़ों के सफाई में |
ध्वनि की चाल :-
ध्वनि की चाल सर्वाधिक लोहे में होती है या ठोस में होती है |
जैसे :-
v वायु में ध्वनि का वे 332 मीटर/सेकंड |
v जल में 1493 मीटर/सेकंड |
v समुद्री जल में 1533 मीटर प्रति सेकंड है |
v पारा में 1450 मीटर प्रति सेकंड |
v कार्बन डाइऑक्साइड में 260 मीटर प्रति सेकंड |
v जल में 1493 मीटर/सेकंड |
v समुद्री जल में 1533 मीटर प्रति सेकंड है |
v पारा में 1450 मीटर प्रति सेकंड |
v कार्बन डाइऑक्साइड में 260 मीटर प्रति सेकंड |
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ध्वनि के लक्षण :- ध्वनि के लक्षण तीन प्रकार के हैं
1. तीव्रता 2. तारत्व 3. गुणवत्ता
1. तीव्रता :- तीव्रता में ध्वनि कम अधिक सुनाई देती है
ध्वनि की तीव्रता
जैसे :-
जोर से बातचीत 50 से 60 डेसीबल |
मिसाइल में 180 डेसीबल |
मशीन गन 170 डेसीबल |
जेट विमान में 140 से 150 डेसीबल |
ट्रक या ट्रैक्टर मे 90 से 100 डेसीबल |
डीजे में 100 डेसिबल |
विद्युत मोटर 110 डेसीबल |
सायरन में 110 से 120 डेसीबल |
नोट पॉइंट :- विश्व स्वास्थ्य मिशन संगठन के अनुसार मनुष्य के लिए 45 डेसीबल ही सर्वोत्तम है |
लेकिन 75 के ऊपर मनुष्य के लि हानिकारक है
45 डेसीबल के ऊपर मनुष्य बहरा भी हो सकता है और 150 डेसीबल के ऊपर मनुष्य पागल भी हो सकता है |
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तारत्व :- आवाज का मोटा या पतला होना तारत्व के कारण होता है !
पुरुषों में तारत्व कम होता है |
जिस कारण उनकी आवाज मोटी होती है और बच्चों एवं स्त्रियों में तारत्व अधिक होता है |
जैसे :-
शेर की दहाड़ एक तिर्ब ध्वनि है लेकिन इसमें तारत्व कम होता है !
मच्छर के भिन्न-भिनाहट में तारत्व अधिक होता है !
सोनोमीटर की तारत्व अधिक होती है और सोनोमीटर से समुन्द्र की गहराई मापते है |
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ऊर्जा संरक्षण का नियम in hindi
गुणता :-
गुणता के भिन्ता के कारण ही हम ध्वनि को हम प्रचित कर पाते हैं |
जैसे :- दो बाध्य यंत्रों के बीच ध्वनि को पहचानना ही गुणता कहलाता है |
तरंग :-
तरंग
के द्वारा ऊर्जा का एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाया जाता है |
तरंग
दो प्रकार के होते हैं
- 1. यांत्रिक तरंगें
- 2. अयांत्रिक तरंगें या विघुत चुंबकीय तरंगे
यांत्रिक तरंगें :-
- यह तरंग किसी ठोस द्रव और गैस में संचालित होती हैं
- यह दो प्रकार की होती हैं |
- 1. अनुप्रस्थ तरंग
- 2. अनुदैर्ध्य तरंग
3.
Ø अनुप्रस्थ तरंग :- जब किसी माध्यम में तरंग की गति कणों के कंपन के दिशा के लंबवत हो अनुप्रस्थ तरंगे कहलाती हैं |
Ø अनुदैर्ध्य तरंग :- जब किसी माध्यम में तरंग की गति कोणों के कंपन के दिशा में समांतर हो अनुदैर्ध्य तरंगे कहलाती हैं ध्वनि तरंगों को अनुदैर्ध्य तरंग कहा जाता है |
v
भूकंप
तरंगे , वायु में उत्पन्न तरंगें अनु
दर्द के अंतर्गत आते हैं
2. अयांत्रिक तरंगें या विघुत चुंबकीय तरंगे :-
इसमें
किसी माध्यम की आवश्यकता संचरण के लिए नहीं होती है |
ये
तरंगे निर्वात में भी संचालित हो सकती हैं |
जैसे
:- प्रकाश
तरंगे , रेडियो तरंगे , एक्स-रे तरंगे ,
विद्युत चुंबकीय तरंगे अनुप्रस्थ तरंगे होती हैं |
प्रमुख विघुत तरंगों के खोजकर्ता :-
X – किरणे :- इसके खोज कर्ता रांजन है इसका प्रयोग चिकित्सा के क्षेत्र में किया जाता है |
दृश्य
विकिरण तरंगे :- इसकी खोज न्यूटन ने किया था इसका प्रयोग वस्तुऔ को देखने में किया जाता है |
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पराबैगनी किरणे :- इसकी खोज रीटर ने किया था !
इसका
उपयोग रोगी के सिकाई में बैक्टीरिया नष्ट करने में और विद्युत प्रभाव को उत्पन्न में भी किया जाता है |
और इसे भी पड़े
अवरक्त विकिरण तरंगे :- इसकी खोज “ हरसेल ” ने किया था !
ये
उष्मीविकिरण है ! यह जिस वस्तु पर पड़ता है उसका ताप बढ़ा देता है |
1.
इसका
प्रयोग कुहासे में किया जाता है |
2.
टीवी
के रिमोड कंट्रोल में और रोगीयो के सेकाई में भी |
VVV MOST IMPORTANT
द्धिर्ध रेडियो तरंग :- द्धिर्ध रेडियो तरंगे इसकी खोज “ मारकोनी ” ने किया था !
इसका
उपयोग टेलीविजन और रेडियो में किया जाता है |
लघु रेडियो तरंगे :- इसकी खोज “ हेनरी-हर्ट्ज ” HZ ने किया था ! इसका उपयोग टेलीफोन तार में किया जाता है |
तरंग गति :- नदी या तालाब में पत्थर के टुकड़े को फेंकते समय जो पानी में विक्षोभ उत्पन्न होता है तरंग गति कहते हैं |
बरनौली का प्रमेय :-
1. तेज आंधी आने पर छत के ऊपर का टिन या सेड का उड़ना |
2. जब कोई ट्रेन प्लेटफार्म पर आती है तब वायुदाब कम होने के कारण प्लेटफार्म पर सारे कूड़े करकट ट्रेन के तरफ उड़ने लगते हैं |
3. जब भौतिक तुला के एक पल्ले के नीचे तेजी से हवा बहे तो दाब कम होने के कारण वह नीचे झुक जाएगा |
नोट पॉइंट :-
ü बरनौली प्रमेय पर आधारित एक ऐसी युक्ति जिसकी सहायता से किसी नली में द्रव के प्रवाह के दर को मापा जाता है
जिसका नाम बैंटुरी - मीटर है |
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