तरंग किसे कहते हैं, तरंगों के प्रकार इन हिंदी

ध्वनि तरंग अश्रव्य तरंगे श्रव्य तरंगे पराश्रव्य तरंगें पराश्रव्य तरंगों के उपयोग अनुप्रस्थ तरंग अनुदैर्ध्य तरंग

ध्वनि तरंग :- ध्वनि तरंग अनुदैर्ध्य तरंगे होती हैं और यह तीन प्रकार की होती हैं |

ध्वनि तरंग :- ध्वनि तरंग अनुदैर्ध्य तरंगे होती हैं और यह तीन प्रकार की होती हैं


अश्रव्य तरंगे :-
यह तरंगे 20 HZ से नीचे होती हैं इसे मनुष्य का कान नहीं सुन सकता है |

श्रव्य तरंगे :- यह तरंगे 20 H– 20,000 H के बीच होता है 
इसे मनुष्य के कान सुन सकते हैं |

पराश्रव्य तरंगें :- यह 20,000 H के ऊपर होता है |
जिसे कुत्ते , बिल्ली , चमगादड़ आदि सुन सकते हैं |
हेल्लो दोस्तों कैसे है आप मैं बिजेंदर चौधरी आपका भाई 

दोस्तों इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें 

और उन सभी स्टूडेंट्स को अवश्य शेयर करें जो 

BSF,SSB,ARMY,VDO,UPTET,CTET,SUPERTET, AND 12TH ETC की तैयारी कर रहे है 
धन्यवाद मेरे प्यारे दोस्तों .

और इसे भी पड़े 

पराश्रव्य तरंगों के उपयोग :-

*      चिमन यूके काली साफ करने में |
*      संकेत भेजने में |
*      समुंद्र के गहराई का पता लगाने में |
*      गठिया रोग के उपचार में |
*      ट्यूमर का पता लगाने में |
*      दूध से हानिकारक जीवाणु नष्ट करने में |
*      कपड़ों के सफाई में |

ध्वनि की चाल :-
 ध्वनि की चाल सर्वाधिक लोहे में होती है या ठोस में होती है |

जैसे :-
v  वायु में ध्वनि का वे 332 मीटर/सेकंड  |
v  जल में 1493 मीटर/सेकंड |
v  समुद्री जल में 1533 मीटर प्रति सेकंड है |
v  पारा में 1450 मीटर प्रति सेकंड |
v  कार्बन डाइऑक्साइड में 260 मीटर प्रति सेकंड |
और इसे भी पड़े 

ध्वनि के लक्षण :- ध्वनि के लक्षण तीन प्रकार के हैं

1.   तीव्रता 2. तारत्व 3. गुणवत्ता
1. तीव्रता :-  तीव्रता में ध्वनि कम अधिक सुनाई देती है
 ध्वनि की तीव्रता
जैसे :-
*      साधारण बातचीत में 30 से 40 डेसीबल तीब्रता होती है |
*      जोर से बातचीत 50 से 60 डेसीबल |
*      मिसाइल में 180 डेसीबल |
*      मशीन गन 170 डेसीबल |
*      जेट विमान में 140 से 150 डेसीबल |
*      ट्रक या ट्रैक्टर मे 90 से 100 डेसीबल |
*      डीजे में 100 डेसिबल |
*      विद्युत मोटर  110 डेसीबल |
*      सायरन में 11से 120 डेसीबल |

तीव्रता में ध्वनि कम अधिक सुनाई देती है
नोट पॉइंट :-  विश्व स्वास्थ्य मिशन संगठन के अनुसार मनुष्य के लिए 45 डेसीबल ही सर्वोत्तम है |
लेकिन 75 के ऊपर मनुष्य के लि हानिकारक है
45 डेसीबल के ऊपर मनुष्य बहरा भी हो सकता है और 150 डेसीबल के ऊपर मनुष्य पागल भी हो सकता है |
हेल्लो दोस्तों कैसे है आप मैं बिजेंदर चौधरी आपका भाई 

दोस्तों इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें 

और उन सभी स्टूडेंट्स को अवश्य शेयर करें जो 

BSF,SSB,ARMY,VDO,UPTET,CTET,SUPERTET, AND 12TH ETC की तैयारी कर रहे है 
धन्यवाद मेरे प्यारे दोस्तों .

तारत्व :-  आवाज का मोटा या पतला होना तारत्व के कारण होता है !

पुरुषों में तारत्व कम होता है |
जिस कारण उनकी आवाज मोटी होती है और बच्चों एवं स्त्रियों में तारत्व अधिक होता है |
जैसे :-
शेर की दहाड़ एक तिर्ब ध्वनि है लेकिन इसमें तारत्व कम होता है !
मच्छर के भिन्न-भिनाहट में तारत्व अधिक होता है !
सोनोमीटर की तारत्व अधिक होती है और सोनोमीटर से समुन्द्र की गहराई मापते है |

और इसे भी पड़े 

ऊर्जा संरक्षण का नियम in hindi

गुणता :-

गुणता के भिन्ता के कारण ही हम ध्वनि को हम प्रचित कर पाते हैं |
जैसे :- दो बाध्य यंत्रों के बीच ध्वनि को पहचानना ही गुणता कहलाता है |




 तरंग :-

 तरंग के द्वारा ऊर्जा का एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाया जाता है |
तरंग दो प्रकार के होते हैं
  • 1.   यांत्रिक तरंगें
  • 2.   अयांत्रिक तरंगें या विघुत चुंबकीय तरंगे

यांत्रिक तरंगें :-

  • यह तरंग किसी ठोस द्रव और गैस में संचालित होती हैं
  • यह दो प्रकार की होती हैं |
  • 1.   अनुप्रस्थ तरंग
  • 2.   अनुदैर्ध्य तरंग

3.    
तरंग के द्वारा ऊर्जा का एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाया जाता है |  तरंग दो प्रकार के होते हैं

Ø  अनुप्रस्थ तरंग :-   जब किसी माध्यम में तरंग की गति कणों के कंपन के दिशा के लंबवत हो अनुप्रस्थ तरंगे कहलाती हैं |


Ø  अनुदैर्ध्य तरंग :-   जब किसी माध्यम में तरंग की गति कोणों के कंपन के दिशा में समांतर हो अनुदैर्ध्य तरंगे कहलाती हैं ध्वनि तरंगों को अनुदैर्ध्य तरंग कहा जाता है |


v  भूकंप तरंगे , वायु में उत्पन्न तरंगें  अनु दर्द के अंतर्गत आते हैं

2.   अयांत्रिक तरंगें या विघुत चुंबकीय तरंगे :-

 इसमें किसी माध्यम की आवश्यकता  संचरण के लिए नहीं होती है |
ये तरंगे निर्वात में भी संचालित हो सकती हैं |
जैसे :-  प्रकाश तरंगे , रेडियो तरंगे , एक्स-रे तरंगे , विद्युत चुंबकीय तरंगे अनुप्रस्थ तरंगे होती हैं |

प्रमुख विघुत तरंगों के खोजकर्ता :- 

 X – किरणे :-  इसके खोज कर्ता रांजन है इसका प्रयोग चिकित्सा के क्षेत्र में किया जाता है |

  Y - किरणे :- इसकी खोज बैकुरल ने किया था ! इसका प्रयोग वेधन क्षमताओं में अत्यधिक होता है |
 दृश्य विकिरण तरंगे :- इसकी खोज न्यूटन ने किया था इसका प्रयोग वस्तुऔ को देखने में किया जाता है |

हेल्लो दोस्तों कैसे है आप मैं बिजेंदर चौधरी आपका भाई 

दोस्तों इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें 

और उन सभी स्टूडेंट्स को अवश्य शेयर करें जो 

BSF,SSB,ARMY,VDO,UPTET,CTET,SUPERTET, AND 12TH ETC की तैयारी कर रहे है 
धन्यवाद मेरे प्यारे दोस्तों .

पराबैगनी किरणे :- इसकी खोज रीटर ने किया था !

इसका उपयोग रोगी के सिकाई में बैक्टीरिया नष्ट करने में और विद्युत प्रभाव को उत्पन्न में भी किया जाता है |
और इसे भी पड़े 

अवरक्त विकिरण तरंगे :- इसकी खोज “ हरसेल ” ने किया था !

ये उष्मीविकिरण है ! यह जिस वस्तु पर पड़ता है उसका ताप बढ़ा देता है |
1.   इसका प्रयोग कुहासे में किया जाता है |
2.   टीवी के रिमोड कंट्रोल में और रोगीयो के सेकाई में भी |

VVV MOST IMPORTANT

द्धिर्ध रेडियो तरंग :-  द्धिर्ध रेडियो तरंगे इसकी खोज “ मारकोनी ” ने किया था !


इसका उपयोग टेलीविजन और रेडियो में किया जाता है |

लघु रेडियो तरंगे :- इसकी खोज “ हेनरी-हर्ट्ज ” HZ ने किया था ! इसका उपयोग टेलीफोन तार में किया जाता है |


तरंग गति :- नदी या तालाब में पत्थर के टुकड़े को फेंकते समय जो पानी में विक्षोभ उत्पन्न होता है तरंग गति कहते हैं |

बरनौली का प्रमेय

बरनौली का प्रमेय :-



1.   तेज आंधी आने पर छत के ऊपर का टिन या सेड का उड़ना |
2.   जब कोई ट्रेन प्लेटफार्म पर आती है तब वायुदाब कम होने के कारण प्लेटफार्म पर सारे कूड़े करकट ट्रेन के तरफ उड़ने लगते हैं |
3.   जब भौतिक तुला के एक पल्ले के नीचे तेजी से हवा बहे तो दाब कम होने के कारण वह नीचे झुक जाएगा |
नोट पॉइंट :-
ü  बरनौली प्रमेय पर आधारित एक ऐसी युक्ति जिसकी सहायता से किसी नली में द्रव के प्रवाह के दर को मापा जाता है
जिसका नाम बैंटुरी - मीटर है |



हेल्लो दोस्तों कैसे है आप मैं बिजेंदर चौधरी आपका भाई 

दोस्तों इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें 

और उन सभी स्टूडेंट्स को अवश्य शेयर करें जो 

BSF,SSB,ARMY,VDO,UPTET,CTET,SUPERTET, AND 12TH ETC की तैयारी कर रहे है 
धन्यवाद मेरे प्यारे दोस्तों .

टिप्पणियाँ