जीवाणु , विषाणु , कवक , प्रोटोजोवा से होने वाले रोग ट्रिक्स इन हिंदी | रेखा हमें हिट (करके) पोएचे (पीछे ) छोड़ गई | एड्स :- hiv नामक विषाणु है | ट्रिक्स = " सोना पे काम पाया | प्रोटोजोवा से होने वाले रोग | विषाणु से होने वाले रोग
जीवाणुओं व्दारा होने वाले रोग :-
TRICK :- “टिंकू सिडी मे बनी है पटाका " OR " पंडित का ट्रिक न्यू है "
टिट्नेस ,
कुस्ट रोग ,सिफिलिस ( फिर्ंग रोग
)
डिप्थीरिया , मेनिन जाइटिस ,
बोट्युलिस्म ( भोजन
विशाक्तता ),
निमोनिया,
हैजा ,प्लेग , टायफाइदड ( मोतीझरा /
मियादी बुखार ) ...
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वैदिक सभ्यता इन हिंदी
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जीवाणु से होने वाले रोग :-
टीटनेस :-
टिटनेस नामक वीमारी क्लास टीर्डियम टेटेनी नामक जीवाणु से होता है
यह तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है हैजा :- यह विविओं कालेरी जीवाणु से होता है
क्षय रोग :- यह रोग मईको वैक्टेरिया टीयूबर कोलोसिस नामक जीवाणु से होता है
जिससे फेफड़ा प्रभावित होता हैं |काला खासी :- हिमोफिलीस प्रटुसिस नामक जीवाणु से होने वाला यह रोग है
स्वसन तंत्र को प्रभावित करता है |थिप्थिरिया :- यह रोग थिप्थिरी नामक जीवाणु से इसके श्वसन नली को प्रभावित होती हैं |
प्लेग रोग :- यह रोग पासुरेला पोस्टिस से होता है और यह रोग फेफड़ा हो प्रभावित करता है |
कोड, गोनोरिया , सिफ्लिश, इत्यादी |
साईफाईड :- यह सईफ़ी नामक जीवाणु से होता है और आत हो प्रभावित करता है |
निमोनिया :- नुमोनी नामक जीवाणु से होता है और फेफड़े को प्रभावित करते हैं |
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हेल्लो मेरे प्यारे दोस्तों
आपका E.C.P. TIPS में स्वागत हैं |
Q.1.- भोजन पचाने मे किस की भुमिका अधिक होती है ?
उत्तर :- लार का
Q.2.- लार कितने प्रकार के होता है ?
उत्तार :- दो प्रकार के होते है
1. टिईलिन
2. माल्टेस
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विषाणु से होने वाले रोग :-
ट्रिक्स :- " रेखा हमें हिट (करके) पोएचे (पीछे ) छोड़ गई "
रे = रेबीज -तंत्रिका तंत्र
खा = खसरा - मोर्बिली
ह = हपिर्स
में = मेनींजाईटी
हि = हिपेटाईटिस
ट = टैकोमा
पो = पोलियो
ए = एड्स
चे = चेचक
छो = छोटीमाता
ड = डेंगू ज्वर
ग = गलसो
ई = ईंफ्लुन्जा
1. पोलियो :- पोलियो नाम विषाणु से होने वाला यह रोग गला , रीड की हड्डी को प्रभावित करता है2. चेचक :- बेरियोला विषाणु तथा सम्पूर्ण शरीर पर अपना प्रहार करना
3. हेपेटाइटिस या पिलिहा :- यह यकृत को प्रभावित करता है
4. खसरा :- मोर्बिली विषाणु से होने वाले रोग सम्पूर्ण शरीर पर प्रहार करता हैं
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एड्स :- hiv नामक विषाणु है जो प्रतिरक्षा प्रणाली को हानिकारक पहुचाता हैं AIDS ( एक्वायर्ड इमुयुनो दिफेसियन्सी ) एड्स से जाँच के लिए एलिसा ( ELSA ) नामक प्रणाली का प्रयोग किया जाता हैं |
ELSA = एंजाइम लिकड एमिनो सलवें A.C.विषाणु से होने वाले रोग :-
जैसे :- डेंगू ज्वर , एम्फिलियोंजा , छोटा - माता ,
गल सोत , ट्रेकोमा , रेबीज , हर्पीज , चिकनगुनिया इत्यादी
कवक से होने वाले रोग :-
ट्रिक्स = " गंजा दमाद खाए फ्रूट "
गंजा = गंजापन
दमा = दमा - फेफड़ा
द = दाद
खा = खाज
एफ्रूट = एथलीट फ्रूट
गंजा पन , यह टीनिया कैपिसीज नामक कवक से होता है |
दमा :- यह एस पजिल्स नामक कवक से होते है
यह फेफड़े में पहुचकर जालनुमा आकृति बनाता हैं और फेफड़े को अरुध करता हैएथिलीटफूट :- टीनिया पैथिस नामक कवक से होने वाला यह रोग है
जो त्वचा को संक्रामक करता है और कटने , फटने योग बनाता हैदाद , खुजली इत्यादी |
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रोगों से सम्बन्धित महत्वपूर्ण तथ्य
अतिसार ( डायरिया ) :- अतिसार में धरेलू मख्खी व्दारा यह रोग पनफ्ता है इस रोग से आत में घाव हो जाता है जिसमे टीर्प्सिम नामक एंजाइम नष्ट हो जाते है यह अक्सर बच्चो में होता है |
फैलेरिया :- यह रोग क्युलेस्क नामक मच्छर के काटने से होता है
इसमें पैर मोटा हो जाता है जिसे हाथिपाव के नाम से जानते हैं
कैंसर :- कैंसर को करकट के नाम से भी जानते है कैंसर के चार प्रकार हैं
लिम्फोमस :- इस रोग को लसिका गाड़े पिलिहा में होता हैं
ल्युकिमियास :- यह रक्त कैंसर के नाम से जाना जाता हैं इसमें रक्त स्वेतकणीकाओं बहुत अधिक बड़ जाती है और लिम्फोसाइड की संख्या में भी असाधारण वृद्धि हो जाती है
साक्रोमास :- यह उतको अस्थिय में होता हैं
note :- रेडियो सक्रीय स्ट्रासियम - 90 इसका प्रयोग अस्थिय कैंसर में उपचार करते हैं |
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प्रोटोजोवा से होने वाले रोग :-
ट्रिक्स = " सोना पे काम पाया "
ट्रिक्स = " सोना पे काम पाया "
सोना = सोने की बीमारी
पे = पेचिस
का = काला जार - अस्थिमज्जा
म = मलेरिया - R.B.C. तीली (SPLEEN )
पाया = पायरिया - मसुडा
पे = पेचिस
का = काला जार - अस्थिमज्जा
म = मलेरिया - R.B.C. तीली (SPLEEN )
पाया = पायरिया - मसुडा
तो दोस्तों आप को कैसा लगा
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थैंक यू
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