urja sanrakshan in hindi

ऊर्जा संरक्षण का नियम | गुरुत्वाकर्षण | वायुमण्डली दाब | ग्लनांक | कोथनाक | घर्षण बल | स्थैतिक घर्षण बल | स्प्रीय घर्षण बल | लोटानिक घर्षण बल | पृष्ट तनाव | ससंजक बल | आसंजक बल
ऊर्जा संरक्षण का नियम :-


ऊर्जा संरक्षण का नियम in hindi

ऊर्जा न तो नष्ट की जा सकती है और ना ही उत्पन्न की जा सकती है यह तो केवल एक रूप से दुसरे रूप में परिवर्तित किया जा सकता हैं |

दोस्तों यह उपकरण है जो बहोत ही महत्वपूर्ण है क्यों की अक्सर इन सही में से कोई न कोई उपकरण आ ही जाता है 
इसलिए एक बार अवश्य इसे पड़े 
दोस्तों मै बताना चाहूँगा की अगर आपसे ऊर्जा का रूपांतरण आप से पूछता है तो आप इसे पड़ कर हल कर सकते है |
और इसे भी पड़े 
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इस लिए आप इसे पड़े और 
यह नही सोचे की इनमे से नही आयेगा 
दोस्तों मैंने देखा है की यह ऊर्जा संरक्षण का नियम अत्यधिक एग्जाम में पूछता है 

उपकरण

 ऊर्जा का रूपांतरण
1.  डाइनामो
यांत्रिक ऊर्जा को विघुत ऊर्जा में परिवर्तित करता है
2.  मोमबत्ती
 रासायनिक ऊर्जा को प्रकाश के ऊर्जा में परिवर्तित करता है
3.  लाऊड स्पीकर
 विघुत ऊर्जा को ध्वनि ऊर्जा  में परिवर्तित करता है
4.  सोलर सेल
 सोर्य ऊर्जा को विघुत ऊर्जा  में परिवर्तित करता है
5.  सितार
 यांत्रिक ऊर्जा को विघुत ऊर्जा में
6.  टूब लाइट
  विघुत ऊर्जा को प्रकाश के ऊर्जा में परिवर्तित करता है


7.  विघुत मोटर
 विघुत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में
8. माइक्रोफोन
ध्वनि ऊर्जा को विघुत ऊर्जा में परिवर्तित करता है
9. विघुत सेल
रासायनिक ऊर्जा को विघुत ऊर्जा में
etc
etc

 ऊर्जा संरक्षण का नियम :- यह उपकरण जो दिया गया था आप समझ गये होंगे दोस्तों 

इसलिए आप 
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गुरुत्वाकर्षण :- गुरुत्वाकर्षण का नियम न्यूटन ने ही प्रतिपादित किया इसको “g” से प्रदशित करते है जिसे गुरुत्व कहा जाता है जिसका मान “g” = 9.8 – m/s2  होता है |

गुरुत्वाकर्षण :- गुरुत्वाकर्षण का नियम न्यूटन ने ही प्रतिपादित किया

note :- 1. g का मान ध्रुवो पर अधिक होता है और विश्वत रेखा पर कम होता है और पृथ्वी के सतह से उपर या निचे जाने पर “g” का मान घटता है |

2. पृथ्वी के घूर्णन गति के बड़ने पर “g” का मान कम होता है

3. गुरुत्वाकर्षण का नियतांक “G” – होतो है |


वायुमण्डली दाब :- वायुमण्डली दाब का मात्रक बार होता है

1 बार = 105 न्यूटन/मी.2 |

Ø  वायुमण्डली दाब पृथ्वी के सतह से ऊपर जाने पर कम होने लगता है
इसी कारण पहाड़ो पर खाना बनाना कठिन होता है |

और वायुयान में बैठे यात्री के फाउनटेन पेन से सिहाई रिसने लगता है |

Ø  उच्च रक्त चाप वाले व्यक्ति को वायु यान में सफर न करने की सलाह दी जाती है |

Ø  वायुमण्डली दाब को बैरो – मीटर से मापा जाता है |

इससे मोसम संबंधीत जानकारी प्राप्त की जाती है
जैसे :- 1. बैरो मीटर का एका - एक  निचे गिरना = आंधी आने की सम्भावना होता है
2. बैरो मीटर का धीरे – धीरे निचे गिरना = वर्षा होने की सम्भावना होता है
3. बैरो मीटर का धीरे – धीरे ऊपर चड़ना = मौसम साफ होने की सम्भावना रहती है

ग्लनांक  :- वे प्रदार्थ जो गलने पर प्रसारित होता है और दाब बड़ने पर ग्लनांक भी बड़ने लगता है
जैसे :- मोम , घी etc

note :- वे प्रदार्थ जो पिघलने पर संकुचित होता है उसपर दाब बड़ने पर ग्लनांक कम हो जाता है
जैसे :- बर्फ

कोथनाक :- वे प्रदार्थ जहा कथनाक बड़ने लगता है दाब के साथ – साथ
जैसे :- प्रेसर कुकर के अंदर दाब बड़ने पर कोथनाक भी बड जाता है |
घर्षण बल :-

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थैंक यु मेरे दोस्तों .

घर्षण बल :- जब किसी दो विषम वस्तु के मध्य पतिरोधी बक कार्य करता है तो वह एक दुसरे के सापेक्ष खिसकने का विरोध करता है तो घर्षण बल कहलाता है

दोस्तों एक और शब्दों में समझिये आप
जैसे की
जब कोई पिण्ड किसी दुसरे पिण्ड के तल पर फिसलता है या फिसलने का प्रयास करता है तो वह घर्षण बल कहलाता है
Ø  घर्षण बल के तिन प्रकार होते है |
1.       स्थैतिक घर्षण बल
2.       स्प्रीय घर्षण बल
3.       लोटानिक घर्षण बल

1. स्थैतिक घर्षण बल :- इसमें लकड़ियों के टुकडो को एक जगह से दुसरे जगह खिसका कर ले जाने में जो घर्षण कार्य करता है स्थैतिक घर्षण बल  उसे कहते है |



2. स्प्रीय घर्षण बल :- बिना पहियों के गाड़ी को खिसका कर ले जाने में जो घर्षण कार्य करता है उसे स्प्रिय घर्षण बल कहते है |



3. लोटानिक घर्षण बल :- इसमें जब कोई वस्तु सतह पर लुडकती हुई चलती है और दो सतहों के बिच जो घर्षण बल कार्य करता है उसे लोटानिक घर्षण बल कहते है

जैसे :- सड़को पर गाड़ी का चलना , जानवर या मानव का जमीन पर चलना , गाडियों का ब्रेक लगना |

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पृष्ट तनाव :- पृष्ट तनाव में द्रव्य का ताप बढाने पर पृष्ट तनाव घट जाता है !
Ø  जैसे :-  चाय , सूप , क्वाफी , हमे गर्म ही अच्छे लगते है क्यों की उनका पृष्ट तनाव कम होता है
Ø   
जिस कारण जीभ पर आसानी से फैल जाता है और स्वादिष्ट लगती है
Ø  पानी में पनफे लारवा ( मछ्ड ) मिटटी के तेल डालने से मर जाते है क्यों की पानी का पृष्ट तनाव कम हो जाता है
Ø  पानी में सरफ ( पाउडर ) का घोल का बुलबुला बड़ा दिखाई देता है पृष्ट तनाव कम हो जाने के कारण
Ø  सुई का पानी में तैरना

note :- पानी में अगर सुई डाला जाता है तो वह तैरने लगती है लेकिन कपूर डालने पर नाचने लगता है
ससंजक बल :- एक ही प्रदार्थ के अणुओं के मध्य कार्यकारी आकर्षण बल को ससंजक बल कहते है |

ससंजक बल :- एक ही प्रदार्थ के अणुओं के मध्य कार्यकारी आकर्षण बल को ससंजक बल कहते है |


जैसे :- अगर बाल्टी में पारा डाला जाए तो वह उसके दीवार को गिला नही करता है

आसंजक बल :- दो भिन्न – भिन्न अणुओं के मध्य में लगने वाले बल को आसंजक बल कहते है

जैसे :- पेन से काँपी पर लिखना इत्यादी

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