bodh dharm in hindi


बौद्ध धर्म, बौद्ध धर्म के प्रवर्तक “ गौतम बुध ” हुए ! इनको एशिया का “ ज्योतिकुंज ” भी कहा जाता है, और इनको “ लाइट ऑफ एशिया ” भी कहा जाता है,बौद्ध धर्म को मानने वाले शासक, बौद्ध धर्म की प्रमुख संगतिया, महात्मा बुध्द से संबंधित देश 

बौद्ध धर्म :-
बौद्ध धर्म के प्रवर्तक “ गौतम बुध ” हुए ! इनको एशिया का “ ज्योतिकुंज ” भी कहा जाता है


बौद्ध धर्म के प्रवर्तक गौतम बुध हुए ! इनको एशिया का ज्योतिकुंज ” भी कहा जाता है |

  • और इनको “ लाइट ऑफ एशिया ” भी कहा जाता है |
  • इनका जन्म 563 ईसा पूर्व में “ कपिल वस्तु ” के “ लुगनी ” नामंक गांव में हुआ था |
  • यह वर्तमान में “ नेपाल के तराई क्षेत्र ” में पड़ता है |
  • इनके पिता का नाम “ शुद्धोधन ” था यह “ शाक्य ” कुल के थे |
  • इनके माता का नाम “ माया ” देवी था और इनके जन्म के 7 वें दिन ही माया देवी का निधन हो गया |
  • तब इनका लालन पालन इनकी मौसी प्रजापति गौतमी ने किया |
  • इनके बचपन का नाम सिद्धार्थ था मात्र 16 वर्ष की अवस्था में इनका विवाह “ यशोधरा” से हुआ |
  • और इनका पुत्र का नाम “ राहुल ”  था |
गौतम बुध गृह त्यागने में पहले “ कपिलवस्तु ” के सैर पर निकले थे और उन्होंने चार दृश्य देखा | जिसमें

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धार्मिक आंदोलन जैन धर्म इन हिंदी

गौतम बुध्द गृह त्यागने में पहले “ कपिलवस्तु ” के सैर पर निकले थे और उन्होंने चार दृश्य देखा |जिसमें


  1. बूढ़ा व्यक्ति
  1. बीमार व्यक्ति
  1. मृत व्यक्ति
  1. सन्यासी

जो भी विद्यार्थियों UPTET , CTET , MPTET , BIHARTET , SUPERTET , ARMY , POLICE , SSC , SSB ,BSF , ITBP , CISF ,  इत्यादी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी - प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहा है वह इस वेबसाइट को SUBSCRIBE करें
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और इन चारों दृश्यों को देखकर ही गृह त्यागने पर विचार किए और 29 वर्ष की अवस्था में अपना गृह त्याग दिया |
महाभिमिस प्रमन कहते हैं इस प्रकार इनका भेट सर्वप्रथम “ अलारक्लाम ” इनके प्रथम गुरु कहलाए |
6 वर्षों के कठिन तपस्या के बाद 35 वर्ष की वस्था में इनको वैशाख पूर्णिमा के दिन निर्जन्ना नदी के किनारे एक पीपल वृक्ष के नीचे “ सिद्धार्थ ” को ज्ञान की प्राप्ति हुई |
इनको बुध्द कहा गया बुध्द का अर्थ ज्ञान से है और “ ज्ञान प्राप्ति वाले स्थान ” को बौद्ध  कहा गया

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इनको बुध्द कहा गया बुध्द का अर्थ ज्ञान से है और “ ज्ञान प्राप्ति वाले स्थान ” को बौद्ध  कहा गया |
इस प्रकार अपने प्रथम 2 शिष्य बनाये |
  1. भलिक
  2. तपशुक

ये दोनों बंजारे थे |
गौतम बुद्ध ने अपना पहला उद्देश्य “ ऋषि पतनम ” उस घटना को धर्म चक्र प्रवर्तन कहा जाता है |

नोट :-

  • गौतम बुद्ध ने अपना उद्देश्य “ पाली भाषा ” में दिये और महावीर स्वामी ने प्रकृतिक की भाषा में दिए |
  • गौतमबुद्ध ने उपदेषों की वर्षा अर्थात सर्वाधिक उपदेश “ सावस्त्री ” में दिए |
  • बौद्ध धर्म में दीक्षित होने वाली प्रथम महिला प्रजापति गौतमी हुई |
  • उनको बौद्ध धर्म की प्रथम भिछुड़ी भी कहा गया |
  • बौद्ध धर्म पुनर्जन्म में विश्वास मानते थे |

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बौद्ध धर्म के तीन रत्न

  1. बुध्द
  2. धम
  3. संघ

गौतम बुध की मृत्यु 80 वर्ष की वस्था में 483 ईसा पूर्व में “ कुशीनगर ” में हो गया |  इस घटना को महापरी निर्माण कहा गया

गौतम बुध की मृत्यु 80 वर्ष की वस्था में 483 ईसा पूर्व में “ कुशीनगर ” में हो गया |
इस घटना को महापरी निर्माण कहा गया |


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बौद्ध धर्म को मानने वाले शासक :-

  1. बिंबिसार
  1. प्रसेनजीत
  1. अशोक


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बौद्ध धर्म की प्रमुख संगतिया :-


प्रथम संगीतीय :-

483 ईसा पूर्व में राजगृह ( एक गुफा ) में हुआ था |
और अध्यक्ष “ महाकश्यप ” को बनाया गया उस समय राजा “ अजादशत्रु ” था |

व्दितीय संगीतीय :-

383 ईसा पूर्व में वैशाली में हुआ अध्यक्ष “ सबाकामी ” को बनाया गया |
और शासक काल “ कलाशोक ” का था |

तृतीय बौद्ध संगीतीय :-

255 ईसा पूर्व में हुआ “ पाटलिपुत्र ” में और अध्यक्ष “ मोगली पुत्र ” को बनाया गया |
शासन काल “ कलाशोक” का था |

चतुर्थ बौद्ध संगितीय :-

इसवी के प्रथम शताब्दी में
“ कुण्डन वन ” ( जम्मू कश्मीर ) में हुआ और अध्यक्ष “ वशुमित्र ” और “ अश्वबोष ” को बनाया गया |
शासन काल “ कनिष्क ”  इसी संगितीय में बौद्ध धर्म दो भागों में बट गया |
  1. हिन्यान
  2. महान्यान
बूढ़ा व्यक्ति बीमार व्यक्ति मृत व्यक्ति सन्यासी
  • बौद्ध धर्म से ही “ जुलूस प्रथा ” का आरंभ हुआ था |
  • बौद्ध धर्म का सबसे पवित्र त्यौहार “ वैशाक पूर्णिमा ” को माना जाता है |
  • महात्मा बुद्ध ने अपना उद्देश्य “ मध्यम मार्ग ” दिया था |
  • बौद्ध धर्म का सबसे पवित्र ग्रंथ में “ अनीईश्वर वाद में समानता व्यक्त किया गया है |
  • बुध्द के कहानियों को “ जातक ” में वर्णित किया गया है |
  • और जैन धर्म की कहानियों को “ कल्पसूत्र ” में वर्णित किया गया है |
  • बुध्द की मूर्तियों का संबंध “ गंधार शैली ” से है और उस समय सबसे ज्यादा प्रचलित “ मथुरा ” था |
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नोट :-
जैन साहित्य को “ आगम ” कहा गया |

महात्मा बुध्द से संबंधित देश :-

  1. तिब्बत
  1. भूटान
  1. श्रीलंका
  1. म्यांमार
  1. और नेपाल है
  • सैव धर्म को शिव को रूद्र भी कहा गया और रुद्र का नाम वर्णन ऋग्वेद से मिलता है |
  • भगवान शिव के 18 अवतारों में से एक पशुपत संप्रदाय को भी माना जाता है |
  • पशुपत संप्रदाय के संस्थापक “ लकुलीश ” थे |
  • एलोरा में प्रसिद्ध “ कैलाश मंदिर ” का निर्माण “ राष्ट्रकूटो ” ने कराया था |
  • सैव धर्म के प्रचायक्रो को “ नैमार ” कहा जाता था |



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